Stories For Kids in Hindi India वरदान

Stories For Kids in Hindi India: वरदान
एक बार इंद्र देवता के प्रकोप से सारे जंगल में पानी भर गया। बेचारे बीहग भीग-भागकर पेड़ों की साख पर बैठे अपने जीवन को बचाने का प्रयास कर रहे थे। उनके छोटे बड़े घोसले तेज वर्षा के कारण धराशाई हो गए थे। एक कीड़े के बिल में भी पानी घुस गया था। आश्रय की खोज में बेचारा नन्ना कीड़ा सबसे पहले फलों के राजा आम के पास जाकर बोला, आम भैया मेरा बिल तो पानी में बह गया, क्या रात काटने के लिए मुझे तुम तने में इंतजार कर लेने दोगे।
आम फलों का राजा जो ठहरा उसे अपने पर बहुत घमंड था। अपने गुणों के आगे वह किसी को भी कुछ नहीं समझता था। कीड़े की बात सुनकर आंख लाल पीली करते हुए, वह बोला छोटा मुंह और बड़ी बात कीड़े मियां अपना रास्ता नापो । तुम्हें ऐसी बात कहने की हिम्मत कैसे हुई। अब तो आ गए हो फिर कभी भूल कर इधर को मुंह ना करना वरना। Stories For Kids
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बेचारा छोटा सा कीड़ा आम की बात सुनते ही उदास हो गया। अब वापस लौटने के अलावा उसके पास कोई और चारा ना था। वह वहां से कटहल के पेड़ के पास गया। और उसे भी उसने अपनी मुसीबत भरी कहानी सुनाई। कटहल के वृक्ष पर बहुत भारी-भारी फल लटक रहे थे। वह नन्हे से कीड़े की व्यथा सुनकर इतने जोर से हंसा कि उसके कुछ पल साथ से टूटकर जमीन पर गिर गए।
अरे पागल कीड़े तेरा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है। क्या हमारी देह में छेद करेगा चल हट बड़ा आया आश्रा मांगने वाला। इतना कहकर कटहल का वृक्ष फिर हंस उठा। मुसीबत का मारा कीड़ा कटहल के वृक्ष को हंसता छोड़ कर आगे बढ़ गया। कुछ ही दूरी पर उसे केले का पेड़ दिखाई दिया। वहां पर पहुंचकर कीड़े ने सारी बातें उसेके सामने दौरा दी। उन्हें सुनकर केले में भी मदद से इनकार कर दिया। Stories For Kids
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अब बेचारा नन्ना कीड़ा सोचने लगा कि इस मुसीबत के समय किसके पास जाएं। इस विचारधारा में खोया हुआ जा ही रहा था। कि उसने खर्राटों की जोरदार आवाज सुनी वह चौका। यह तो बरगद दादा हैं। उस जंगल में सबसे बड़े बरगद दादाथे। कोई भी जंगल
बांसी अपने बरगद दादा की उम्र नहीं जानता था। उनकी लम्बी-लम्बी जटाए धरती के मस्तक को चूम रही थी। उनकी लाल लाल आंखों को देखकर ऐसा लग रहा था। कि उन्होंने रात जागकर काटी है। वह कीड़ा आश्वस्त होकर बरगद के पास गया। और बोला बरगद दादा जरा सुनिए,
कौन हो भाई बड़ी देर के बाद तो सोने का प्रयास किया था। तुमने आकर आवाज लगा दी। दादा गरज उठे उनकी तेज आवाज से सारा जंगल कांप उठा। दादा मैं हूं नन्हे कीड़े ने डरते हुए कहा मेरे बिल में पानी घुस आया है। अपनी लम्बी-लम्बी जटाओं में मुझे रात काटने की इजाजत दे दो, इतना सुनते ही, बरगद दादा ने अपनी जटाओं पर हाथ फेरा। और बोले चल मूए मेरी जटाओं में तू रहेगा। क्या सोचकर तूने ऐसा कहा। जाता है या तुझे यही भस्म कर दूं। बेचारा नन्ना कीड़ा जान बचाकर वहां से भागा। रास्ते में उसे बांस माता की याद आ गई।
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सोचा कि माता तो अवश्य अपने प्यारे भांजे का ख्याल रख लेंगी। क्यों नही उन्हीं के पास चला जाए। यह सोचकर वह नन्ना कीड़ा बांस के पास गया। बांस बेचारा अकेला ही भक्त काट रहा था। उसकी अपनी दुनिया सबसे अलग थी। फूल- फल तो उसके जीवन में कभी आए ही नहीं थे। फिर बेचारे के पास कौन आता- जाता, दुर्बलता पतला बांस नन्हे कीड़े को अपने पास आते देखकर खुशी से फूल उठा। नन्हे कीड़े ने कहा बांस माता मेरे बिल में पानी घुस आया है। क्या रात काटने के लिए तुम अपनी देह में मुझे छोटा सा छेद करने दोगे। Stories For Kids
क्यों नहीं भांजे, बांस ने सहर्ष उत्तर दिया। नन्हे कीड़े ने माता से आज्ञा पाकर उनकी देर में एक छोटा सा छेद कर दिया। इससे बांस को थोड़ी सी पीड़ा हुई। बड़े दिनों के बाद उसे किसी का संग- साथ मिला था। उसने इस पीड़ा को झेल लिया। एक छेद बना लेने के बाद कीड़े ने अनुनय भरे स्वर से कहा। माता थोड़ी सी तकलीफ और सहन कर लो, तो मैं एक छेद और कर लू इससे आराम से सो सकूंगा। बांस ने इसका कोई उत्तर नहीं दिया।
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बांस की चुप्पी को धन्य कीड़े ने उसकी स्वीकृति समझा। उसने एक दो नहीं बल्कि पांच-छे बना डाले और फिर सो गया। बेचारा बांस इस भांजे के लिए चुपचाप दर्द सहता रहा। सवेरा हुआ। सूर्य भगवान ने दर्शन दिए पानी अब कम हो चुका था। कीड़ा बांस के छेद में से निकल कर अपने असली रूप में आ गया। अब उस जंगल के छोटे बड़े सभी पेड़ पौधों को पता चला। कि वह तो वन देवी थी। जो कीड़े का रूप धारण करके सब की परीक्षा ले रही थी। देवी ने सबके सामने कहा मैंने तुम सब की परीक्षा इसलिए ली थी। कि मैं देखूं कि विपरीत समय में कौन किसका साथ देता है।
आम को अपने सौंदर्य पर बड़ा घमंड है। इसलिए मैं श्राप देती हूं। कि उसकी देह विकृत हो जाए। कटहल के काटे निकल आए और केला एक बार फल देकर दोबारा फल देने के योग्य ना रहे। तुम सब में बांस सही और परोपकारी है। इसलिए मैं इसे वरदान देती हूं। कि आज से जो भी इसमें फूंक मारेगा। उसमें से मधुर स्वर छूटेगा। इतना कहकर वन देवी चली गई।वर्षा रुकने के बाद चरवाहे अपने पशुओं के साथ वन में आ पहुंचे। एक चरवाहे ने पास के बांस की टहनी तोड़ी।
जिसमें रात को बन देवी ने कीड़े के रूप में पांच-छे छेद बना डाले थे।उसने जैसे ही उस पर मुंह लगाकर फूंक मारी उसमें से एक सुरीला स्वर्ग बिखर गया । उसे सुनकर आम, कटहल, केला और बरगद शर्म से पानी-पानी हो गए उधर वन देवी का वरदान चरवाहे के द्वारा सारे जंगल में मधुर ध्वनि के रूप में फैलता जा रहा था। Stories For Kids
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शिक्षा
बच्चों जो घमंड करता है। उसका भगवान भी साथ नहीं देते। जो मुसीबत में हिम्मत करता है। उसकी भगवान भी मदद करते हैं। अर्थात भगवान भी वरदा।न दे